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नौकरी के साथ छोकरी की चुत चोदने को मौका मिला

मेरी कंपनी का हेड ऑफिस बैंगलोर में है और मेरे ज्वाइन करने के दस दिन बाद ही कंपनी की एनुअल कॉन्फ्रेंस मीटिंग बैंगलोर में ही थी.

 

मेरे बॉस ने मुझे भी इस कॉन्फ्रेंस में बुलाया था.

 

मैं काफी खुश था. मैं पहली बार बैंगलोर जा रहा था और वैसे भी मुझे घूमना पसंद है.

 

ये मीटिंग तीन दिन तक चलने वाली थी. रोज 2 घंटा मीटिंग चलने वाली थी.

 

मैं पहले ही दिन सुबह की फ्लाइट से वहां पहुंच गया था. बैंगलोर आने के बाद पहली बार मैं ऑफिस देखने चला गया.

 

काफी अच्छा ऑफिस था. मेरी ज्वाइनिंग के इन नौ दिनों में हेड ऑफिस के बहुत सारे लोगों से फ़ोन पर बात होती रहती थी. मैं ऑफिस गया तो एक एक करके में सबसे मिलने लगा.

 

तभी मेरी नजर एक लड़की पर गयी और मैं उसे देखते ही रह गया.

 

कसम से क्या कमाल की पटाखा थी.

 

उसका नाम दिशा था. उम्र 28-29 की रही होगी.

 

मैं इधर दिशा के बारे में कुछ बता देता हूं ताकि आपको भी उसकी इमेज बनाने में आसानी हो जाए.

 

दिशा का कद लगभग सवा पांच फुट था. वो गोरी-चिट्टी एक मस्त माल थी. उसने सेक्सी सी ड्रेस पहन रखी थी. चुस्त टॉप में वो बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी. मैं उसको पहली बार देख कर ही उस पर मर मिटा था. मैंने सोच लिया था कि कैसे भी इसको चोदना ही है.

 

मैं उसे देखने लगा.

 

बहुत देर घूरने के बाद उसको पता लग गया कि मैं उसे ही देख रहा हूँ तो उसने मुझसे नजरें मिला दीं.

 

मैं सकपका गया और इधर उधर देखने लगा.

 

पर उसे पता चल गया था.

 

ऑफिस में मीटिंग खत्म करके मैं वापस होटल में आ गया.

 

होटल में टीवी देख कर थोड़ा टाइम पास किया मगर मेरे दिमाग से उस लड़की का ख्याल जा ही नहीं रहा था. उसकी 34 इंच की चूचियां 28 की कमर और 36 की गांड मेरे दिमाग में छा चुका था. दिशा का बदन एकदम रसीला था.

 

उस रात को कम्पनी की पार्टी थी. पार्टी शुरू होने में अभी टाइम था तो मैंने कुछ देर आराम करने का सोचा.

 

वैसे भी मैं काफी थक गया था.

 

मैं तैयार होकर पार्टी में चला गया. उधर देखा तो सब आ गए थे. रात के 8 बजे पार्टी शुरू हुई. पर मैं दिशा को ही ढूंढ रहा था.

 

इतने में वह आ गयी. सच बताऊं यार दिशा एकदम माल लग रही थी.

 

मैं शब्दों में उसकी खूबसूरत जवानी को बता ही नहीं सकता. उसने वन पीस पहना था. उसे देख कर मेरा छोटा भाई पैंट के अन्दर ही सलामी देने लगा.

 

कैसे भी करके मैंने लंड को काबू में किया.

 

उधर एक ओर बार टेंडर था तो मैं कुछ ड्रिंक्स करने चला गया. वैसे तो मैं ज्यादा पीता नहीं, पर उस दिन दिशा की मदमस्त जवानी का नशा कम करने के लिए दारू का नशा जरूरी लगने लगा था.

 

मैंने दो पैग लगा लिए और थोड़ी देर बाद थोड़ा सा नशा होने लगा.

 

मैं साइड में खड़ा हो गया और दिशा को देखने लगा.

 

वो डांस फ्लोर पर नाच रही थी. सच में नाचते हुए दिशा बड़ी कमाल की लौंडिया दिख रही थी.

 

नाचते समय उसके चुच्चे क्या हिल रहे थे ऊपर-नीचे!

 

आह आह सच बताऊं ..तो मेरा मन उसे उसी जगह पटक कर चोदने का करने लगा था.

 

पर ये सम्भव नहीं था. सारी चीजें अपने हाथ में नहीं होती हैं ना!

 

मुझे बाजू में खड़ा देख कर मेरा बॉस मेरे करीब आया और मुझे नाचने के लिए अन्दर खींच कर ले जाने लगा.

 

दिशा भी वहीं नाच रही थी. मैं उसके साथ नाचने लगा. उसने मुझे देखा और मुस्कुरा दी.

 

मेरा तो समझो कलेजा चाक हो गया था.

 

नाचते समय मैं उसके करीब होने की कोशिश करने लगा तो नाचते नाचते एक दो बार मेरा हाथ उसके शरीर से जा लगा.

 

मैंने उसे सॉरी भी बोला, इसके लिए वह कुछ नहीं बोली.

 

उसके गर्म शरीर को हाथ लगाते ही मेरे पूरे शरीर में करंट सा लग गया था.

 

नाच गाना चालू था, इस बार शराब का असर कुछ ज्यादा ही हो चुका था और मैं भी अपनी मस्ती में आ चुका था.

 

अब मैं जानबूझ कर उसके सामने नाचने लगा और वो भी मेरे साथ नाचने लग गयी.

 

इससे मैं काफी खुश हो गया.

 

धीरे धीरे वो मेरे सामने मटक रही थी और यह देख कर मेरा छोटा भाई फिर से सलामी देने लगा.

 

दिशा जानबूझ कर अपनी गांड मेरे लंड के सामने लाकर नाच रही थी.

 

मैं समझ गया कि उस तरफ भी मामला गर्म है, इसी समय हथौड़ा मार देना चाहिए.

 

कुछ देर बाद डांस खत्म हुआ तो मैं और वो साथ में कुछ बातें करते हुए एक कोने की तरफ चले गए.

 

उसने मेरे बारे सब कुछ पूछ लिया.

 

फिर हम दोनों ने साथ में एक पैग भी लगा लिया और खाना खाने साथ में बैठ गए.

 

हम दोनों ने खाना खाते वक्त बहुत सारी बातें कर ली थीं. मैं समझ गया था कि दिशा की तरफ से हरी झंडी है, इसके साथ चुदाई की कोशिश की जा सकती है.

 

खाना खाते खाते काफी देर हो चुकी थी.

 

वो भी इसी होटल के एक कमरे में रुकी थी.

 

ये मुझे उस समय मालूम हुआ जब मैंने उससे पूछा कि इतनी रात हो गई है तुम घर किसके साथ जाओगी!

 

वो हंस पड़ी और बोली- नहीं यार, मैं भी इसी होटल में रुकी हूँ. घर आने जाने में तो काफी समय लग सकता था न इस लिए कम्पनी ने सारे स्टाफ को होटल में ही रुकने को कहा है.

 

मैं उसकी इस बात से काफी खुश हुआ और बाद में उसे उसके कमरे तक छोड़ने चला गया.

 

उस समय ज्यादा लोग बाहर नहीं थे.

 

उसका कमरा चौथी मंजिल पर था. उसे रूम तक छोड़ कर मैं वापस जाने लगा.

 

तभी पीछे से उसकी आवाज आयी- टाइम हो, तो अन्दर आ जाओ कुछ बातें करते हैं.

 

मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे थे.

 

मैं उसी पल कमरे में अन्दर चला गया. मेरे अन्दर आते ही उसने भी दरवाजा बंद कर दिया.

 

हम दोनों उसके बेड पर ही बैठ गए और हमारी बातें चालू हो गईं.

 

बहुत सारी बातें करने के बाद उसने पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?

 

मैंने कहा- नहीं.

 

वो मेरी आंखों में आंखें डालकर मुझे देखने लगी.

 

मैं भी उसकी नजरों को पढ़ने की कोशिश करने लगा.

 

हम दोनों ही समझ चुके थे कि चुदाई का मूड है, पर शुरुआत कैसे हो ये कशमकश चल रही थी.

 

एक मिनट के बाद उसने पूछा- तुम दोपहर को मेरी तरफ काफी देख रहे थे क्या बात थी?

 

उसके ये कहते ही मैं पहले तो घबरा गया और चुप बना रहा.

 

फिर उसने पूछा- कैसी लगी मैं तुम्हें?

 

मैंने जवाब में कहा- बहुत अच्छी लगी तुम मुझे!

 

मेरे यह कहते ही हमारा आंखों ही आंखों में इशारा हुआ और उसकी आंख दब गई.

 

मैंने भी आंख दबा दी और हम दोनों एक दूसरे को किस करने को आगे आ गए.

 

मैंने उसको अपनी तरफ खींचा, तो वो सेक्सी ऑफिस गर्ल कटे हुए पेड़ की तरह मेरी बांहों में आ गई.

 

हम दोनों एक दूसरे को जोर जोर से चूमने लगे.

 

सच में उसके होंठ एकदम नर्म और रसभरे थे.

 

मैंने झट से अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और धीरे धीरे दबाने लगा.

 

इससे उसके मुँह से आह्ह ..की आवाज आने लगी.

 

मैं समझ गया कि ये भी चुदने के मूड में है. इसके साथ चुदाई के खेल में आगे बढ़ा जा सकता है.

 

मैंने उसके एक एक करकर सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे सामने मादरजात नंगी थी.

 

हाय क्या माल लग रही थी वो!

 

मेरा लंड खड़ा हो गया.

 

उसने मेरी पैंट में लंड को फूलते देखा तो नीचे घुटनों पर बैठ गयी और मेरी पैंट की ज़िप खोलकर उसने अपने हथियार को आजाद कर दिया.

 

मेरे खड़े और बड़े लंड को देख कर उसकी आंखों में एक चमक आ चुकी थी.

 

शायद उसने पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा होगा.

 

उसने लंड हाथ में पकड़ लिया और आगे पीछे करके सुपारे को चमड़ी से आजाद कर दिया.

 

मेरा गुलाबी सुपारा अपने मुंड पर चमकती हुई बूंदों के साथ उसके मुँह की गर्मी पाने को आतुर हो गया था.

 

उसने मेरे लंड के पास अपने नथुने लाकर एक लम्बी सांस खींची और होंठों से लंड को छुआ.

 

उसके कोमल होंठों से मेरा लंड टकराने के बाद मुझे तो मानो जन्नत नसीब हो गयी थी.

 

मैं अभी कुछ समझ पाता कि अगले ही पल एक आह की आवाज के साथ मेरा लंड उसके मुँह में घुस गया था.

 

वो मेरे लंड को सहलाते हुए चूसने लगी थी.

 

धीरे धीरे उसने मेरा लंड पूरा का पूरा अपने गले तक ले लिया था.

 

कुछ देर तक वह मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसती रही.

 

अब मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके सामने पूरा नग्न हो गया.

 

हम दोनों नंगे थे.

 

 

मैं मस्त हो गया था. कुछ पल उसकी खूबसूरत जवानी को निहारने के बाद मैं बोला- दिशा चलो 69 करते हैं!

 

जवाब में उसने कहा- जैसे चाहो वैसे करो.

 

फिर हम दोनों ने 69 में सकिंग शुरू कर दी.

 

कुछ ही मिनट बाद दिशा मादक सीत्कार के साथ अपनी गांड हिलाते हुए बोली- अभी तक ऐसी सकिंग किसी ने भी नहीं की.

 

उसके मुँह से लगातार आह्ह आह्ह्ह ..की आवाजें निकलने लगीं और उसकी इन आवाजों को सुनकर मेरा लंड तो लोहे से भी मजबूत होता जा रहा था.

 

कुछ देर बाद हम दोनों चुदाई के लिए तैयार हो गए.

 

मैंने उसको सीधा किया और उसके दोनों पैर अपने कंधों पर ले लिए; अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी फूली हुई चुत की फांकों के बीच में रख दिया.

 

जैसे ही मेरे लंड ने उसके चुत को छुआ, वो बोली- आह कितना गर्म है जल्दी से अन्दर डाल दो अब नहीं सहा जाता.

 

मैंने झटका मारा और उसकी चूत में लंड को अन्दर घुसेड़ दिया.

 

ये अचानक से हुआ था, तो उसके मुँह से चीख निकल गयी- आआआ आई फाड़ दी मेरी चूत!

 

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और उसे स्मूच करना शुरू कर दिया. इससे उसकी आवाजें दब गईं.

 

अब मैं भी जोश में आ चुका था, तो मैं जोर जोर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

 

वो भी मचलने लगी- आह चोदो जोर से आह्ह आह्ह मस्त लंड है फाड़ दे मेरी चुत.

 

उसकी कामुक आवाजें निकलती रहीं और लंड चुत की चमड़ी उधेड़ता रहा.

 

उसको चुदने में बेहद मजा आ रहा था. मैं भी इस वक्त चुदाई में मग्न हो चुका था.

 

कोई पांच मिनट बाद मैंने उसे मेरे ऊपर आने का कहा, वह झट से ऊपर आ गयी और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत में घुसाने लगी.

 

मैं उसके मम्मे दबाने लगा और वह अपनी गांड लहराते हुए लंड पर कूदने लगी. मैं भी नीचे से गांड उठा रहा था तो वो चुदाई में मेरा साथ देने लगी.

 

मैंने उसके गले को पकड़ कर नीचे खींच लिया और जोर जोर से किस करने लगा.

 

उसके दोनों हाथों को जकड़ कर मैं उसे जोर से चोदने लगा.

 

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे साइड से चुदाई के लिए कहा.

 

वो आ गई और मैं उसकी एक टांग को ऊपर करते हुए चुदाई करने लगा.

 

एक हाथ से उसके मम्मे दबाते हुए उसकी गर्दन पर चूमने लगा.

 

इससे वो और भी ज्यादा मस्त हो गयी थी.

 

कोई बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मैं उठ गया और अपने लंड को उसके मुँह के सामने ले आया.

 

उसने भी अपना मुँह खोल दिया. मैंने उसके मुँह में ही लंड का माल गिरा दिया.

 

वो मेरा माल खा गई और उसने मेरे लंड को चाट कर साफ़ भी कर दिया.

 

इसके बाद हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे को साफ करने लगे.

 

उस रात उसके कहने पर मैं वहीं उसके कमरे में रुकने वाला था.

 

जैसे ही हम दोनों साफ हो गए तो दारू पीने का मूड बन गया.

 

मैं नीचे जाकर अपने रूम के नाम पर शराब की बोतल ले आया और सारी रात तक हम दोनों शराब पीते हुए मजा लेते रहे.

 

उस रात मैंने उस सेक्सी ऑफिस गर्ल को तीन बार चोदा.

 

वो मेरी पक्की यार बन गई थी. बाद में कई बार मेरा उसके साथ संसर्ग हुआ लेकिन ये वाकिया इसलिए याद रहता है क्योंकि मेरे ऑफिस ज्वाइन करने के दस दिन के अन्दर ही मेरे लंड को चुत मिल गई थी

 

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