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गर्लफ्रेंड के साथ नौकरानी की चुदाई - Sex With Maid and Girlfriend

मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड मेरे घर आई थी। मै उसे चोदने में लगा। तभी मेरी कामवाली ने हमारी मादक भरी आवाज सुनी। और उसकी भी वासना जाग गई। गर्लफ्रेंड को चोदने के बाद मैंने उसको भी चोदा। मेरा नाम राहुल है। मै बैंगलोर में रहता हूं। मै इतना कुछ ज्यादा अच्छा नहीं दिखता फिर भी लड़कियां मुझपर मरती है। क्योंकि मै बहुत अमीर हु। मेरे पास बहुत पैसा है। पैसे कि वजह से मैंने आज तक कई लड़कियों को चोदा है। मैंने स्पेशल लड़कियां चोदने के लिए अपना खुदका अलग घर ले लिया है।

 

एक दिन मै बाजार गया था। तभी मुझे कॉलेज की एक पुरानी गर्लफ्रेंड दिखी। उसका नाम सारिका था। मैंने उससे जाकर बातचीत की। हम लगभग पांच साल बाद मिल रहे थे। उसकी आंखो में आज भी मेरे लिए प्यार दिख रहा था। क्योंकि उसका पहला सेक्स मेरे साथ ही हुआ था। मै ही वो लड़का था जिसने उसकी चूत को खोला था।

 

मै उसे नाश्ता करने होटल में ले गया। उसने कहा कि बहुत वक्त हो गया है, मैंने तुम्हारे साथ समय नहीं बिताया। मैंने कहा अब मै एक सीधा साधा लड़का बन गया हूं। तुम मेरे साथ कभी भी समय बीता सकती हो। मैंने उसे अपने उसी घर पर बुला लिया। अगले ही दिन वो मेरे घर आ गई थी। Threesome Sex With Maid and Girlfriend

 

सारिका उस दिन पूरे मूड में थी। ऐसा लग रहा था कि वो मेरे पास सिर्फ चुदने के इरादे से आई हो। मैंने भी उसके मन को पढ़ लिया था। मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया। मैंने उसके कपड़े उतार दिए। मै उसे किस करने लगा।

 

 वो मेरे सामने नंगी पड़ी हुई थी। पांच साल, पूरे पांच साल बाद उसकी चुत मेरे लंड के नीचे आयी थी। वो पांच साल पहले मुझसे बिछड़ गयी थी। कॉलेज के जमाने में उसको मैंने बहुत बार चोदा था। सारिका एक ऐसी लड़की थी जिसका हर अंग जैसे ऊपरवाले ने तराशा हुआ था। सेक्स की आग जैसे मेरे बदन को ढकने की बजाए उघाड़ने का काम कर रही थी।

 

एक बार मैंने उससे पूछा भी था कि इतना सेक्स तुम कहा से लाती हो?

 

उसने बताया था कि दोस्तो की सेक्स कि बाते सुन सुनकर उसको भी सेक्स चढ़ जाता था। लेकिन जमाने के डर से सिर्फ उसने अपनी उंगलियों से ही काम चला लिया था।

 

उसने मुझे कहा कि तुम पहली बार जब मिले, तो मुझे तुम में एक चुदाई का कीड़ा दिखा, जो मेरी सेक्स की इच्छा को पूरा कर सकता था। पहली बार जैसे तुमने मेरे होंठ छुए, तो मेरी चूत गीली हो गयी थी। लेकिन आखरी बार तुमने सिर्फ बूब्स और और चूत को दबाकर ही संतुष्ट कर लिया था। मैं तुम्हारी इस हरकत से हैरान हो गयी थी। क्या तुम तब मुझे चोदना नहीं चाहते थे?

 

मैंने सारिका से कहा कि ऐसी कोई बात नही थी, लेकिन जब मैं तुम्हारे साथ आखरी बार सेक्स कर रहा था, तब तुमसे मेरा मन उठ गया था। ऐसा लग रहा था कि मुझे कोई नई चूत ढूंढनी चाहिए। क्योंकि मै तब बहुत ही अय्याश किसम का इंसान था।

 

फिर उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारी मुझे चोदने की इच्छा कब हुई?

 

मैंने कहा कि तुम्हारे जाने के बाद कई बार ईच्छा हुई लेकिन तब समय ने तुम्हे मुझ से दूर कर लिया था। तुम मेरे सपने में कई बार अपने बूब्स दबाते हुए और चूत में उंगलियां करते हुए आती थी। तब मुझे ऐसा लगता था कि तुम्हे फोन कर के बुला लु और चोद दूं। वो बोली कि फिर तुमने मुझे फोन कर लेना था।

 

फिर मैंने बोला कि तुम्हे याद है क्या की

 

तुम्हारे घर पर जब तुम्हारे मम्मी पापा बाहर गांव गए थे, तब पहली बार मैंने तुम्हारी चुत चोदी थी।

 

हां रे …. क्या मस्त चुदाई की थी तुमने!

 

मैंने बोला तुमको याद है पहली बार तुम्हारी गांड में मेरा लंड गलती से चला गया था, तो तुम कैसे बेडरूम में नंगी नाची थीं?”

 

वो बोली कि साले कुत्ते कमीने, पहली बार इतना दर्द हुआ था कि मैं सहन ही नहीं कर पा रही थी। और साले तू तो उस वक्त बड़ा हंस रहा था।

 

हां यार तुम कैसे गांड पकड़कर नाच रही थी। ये देखकर ही मुझे हंसी आ रही थी?”

 

चल हट कुत्ते, तेरे लंड पर तो मैं उसी दिन से फ़िदा हो गई थी।

 

हम दोनो कुछ इस तरह से सेक्सी बातें कर रहे थे। पांच साल पहले उसके पापा का ट्रांसफर दूसरे शहर में हुआ, तो हमारा संपर्क जैसे टूट ही गया था। बीच बीच में उसे मेरी याद आती, तो वो फोन करती थी।

 

मैंने मेरे घर पर काम करने के लिए एक कामवाली रखी थी। उसका नाम सविता था। उसकी उमर कुछ ज्यादा नहीं थी। वो लगभग 33 साल कि थी। उसका फिगर भी कुछ कम नहीं था।

 

मै ज्यादा उस घर में नहीं जाता था। मै उस दिन सारिका के साथ सेक्स कर रहा था। तभी सविता रविवार को मुझसे पगार मांगने आई। मेरा लंड पहले ही खड़ा था। मैंने उसे अंदर बुलाया। उसकी नजर मेरे खड़े लंड की तरफ गई।

 

 सविता भी कांटा माल थी। एक नंबर की छमिया, भरे भरे मम्मे, गोल गोल बूब्स आंखें जैसे बोल रही हों कि आओ मुझको चोद दो। एकदम चुदाई का आमंत्रण देने वाली नशीली आंखें थीं।

 

मैंने उससे बात की, तो उसने कहा कि बरतन भांडे के मेरे हजार रुपये हो गए है। बाकी कुछ करना है, तो उसके अलग पैसे लगेंगे।

 

मैंने एक आँख मूंदकर उसे पूछा कि बाकी मतलब क्या।

 

मेरा ये सवाल पूछने पर वो हैरान हो गयी और बोली ओ साहब कुछ ऐसा वैसा मत समझना बता देती हु आपको।

 

अरे मतलब झाड़ू पौंछा वगैरा करेगी ना?

 

उसने कहा हां उसके अलग पैसे लगेंगे।

 

मैंने बोला ठीक है, कितने दू।

 

उसने एक उंगली दिखाई, मैं समझ गया कि उसकी क्या ईच्छा है, साली ने पहली उंगली की जगह बीच की उंगली दिखाई थी। इसका मतलब मेरे जैसे खिलाड़ी को समझ नहीं आए, तो मैं खिलाड़ी किस काम का?

 

मैंने उसे तभी झाड़ू पोछा करने के लिए बोला। और सारिका को ले कर कमरे में चला गया। कमरे में मै सारिका को सुख देने में व्यस्त हो गया और सविता भी काम करने में व्यस्त हो गई।

 

मैंने पांच सालो बाद सारिका की चूत चाटना चालू किया। उसकी चूत में अभी भी पहले वाली नमी लग रही थी। मै उसकी चूत अच्छे से चाटने लगा। उसकी सिसकारियां निकलनी चालू हो गई थी।

 

 फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए दे दिया। वो मेरा लंड बहुत अच्छे से चूस रही थी। ऐसा लग रहा था कि पांच साल का इंतजार पूरा मेरे लंड पर निकाल रही है।

 

फिर मैंने बिना कंडोम ही उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। और उसे जोर जोर से चोदने लगा। बहुत दिनो बाद चुदने की वजह से उसकी जोर जोर से आवाजे निकल रही थी। उसकी आवाजे सविता को भी बाहर सुनाई दे रही थी।  लेकिन मुझे सविता से कोई डर नहीं था।

 

मै उसे बहुत अच्छे से चोद रहा था। कभी जोर से कभी आराम से। कभी डॉगी स्टाइल में कभी उठाकर। उसकी आवाजे भी मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी। आहआह….आह…. और जोर सेअच्छे से…..

 

फिर मैंने सारिका को बोला कि क्या मै तुम्हारी गांड चोद सकता हूं। उसने कहा ठीक है, लेकिन बहुत आराम से चोदना। मैंने कहा ठीक है।

 

फिर मैंने अपना गीला लंड उसकी गांड़ में धीरे से घुसाना चालू किया। उसकी चीखे निकलनी चालू हुई। वो चीखे सविता को साफ साफ सुनाई दे रही थी।

 

सारिका को बहुत दर्द हो रहा था। लेकिन मै उसकी गांड़ चोदना छोड़ नहीं रहा था। करीब करीब एक घंटे कि चुदाई के बाद सरका और मै दोनो ही झड़ गए। सारिका बहुत ज्यादा थक गई थी। इसीलिए वो आराम करने लगी। और मै बनियान और हाफ पैंट पर पानी पीने बाहर आ गया।

 

बाहर आते ही मैंने देखा कि किचन में सविता अपनी चूत में उंगलियां डाल रही थी। मै समझ गया था कि सविता को हमारी आवाज़ों से सेक्स कि भूख लग गई है। मै सविता के पास गया। उसने झट से अपनी साड़ी नीचे की। और मेरे सामने सर झुकाकर खड़ी हो गई।

 

मैंने उससे कहा कि क्या तुम मेरे लंड से सुख पाना चाहती हो। वो मुझे मना करने लगी। फिर मैंने उसके हाथ में एक हजार रुपए दे दिए उसे वो मना ना कर सकी।

 

फिर मैंने अपनी पैंट उतारी। वो अपने घुटने के बल पर बैठ गई। और मेरा लंड चूसने लगी। लंड चुसाई कर के उसने मेरा लंड खड़ा किया। मै फिर से चोदने के लिए तैयार हो गया था।

 

मै सविता की चूत चाटना नहीं चाहता था। इसीलिए मैंने सिर्फ उसका पल्लू निकला और बूब्स को खुला कर दिया। उसके बूब्स को अच्छे से दबा कर उसको सेक्स चढा रहा था।

 

फिर मैंने उसे जमीन पर ही लेटा दिया। उसकी साड़ी ऊपर कि। उसकी चूत पर बहुत सारे बाल थे। और उसकी चूत भी काली थी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। उसे कुछ भी महसूस नहीं हो रहा था लेकिन मजा आ रहा था।

 

उसके मुंह से दर्द होने की कुछ भी आवाज नहीं निकल रही थी। मै समझ गया था की उसकी चूत बहुत गहरी है। मै उसे 20 मिनट तक चोदता रहा। उसके बाद मै उसकी चूत के बाहर झड़ गया। दोनो को चोदकर मुझे बहुत मजा आया था। लेकिन सबसे ज्यादा मजा मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ही आया था। ऐसी थी गर्लफ्रेंड के साथ कामवाली की चुदाई। 

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