यह चुदाई कहानी मेरे और मेरी मुंह बोली माँ की चुदाई की है, मुंह बोली माँ को चोदा, मुंह बोली माँ के साथ सेक्स किया,उसकी उम्र 35 की है.. लेकिन वो दिखने मैं सिर्फ 25 की लगती है। एक दिन मैंने देखा कि मम्मी की साड़ी उठ कर उसकी जांघ नंगी हो गई थी। यह देख कर मेरा तो बुरा हाल हो गया था.. तभी पहली बार मेरे मन में मम्मी को लेकर खराब विचार आए थे। मैं बाथरूम चला गया और वहाँ जाकर मुठ्ठ मारी.. तब कुछ शान्ति मिली..
फिर मैं वापस आकर लेट गया।मम्मी की जांघ देखने के बाद मेरी नींद उड़ गई थी, मुझे रात में नींद ही नहीं आई। मैं तो अपने मन में मम्मी को चोदने का प्लान बना रहा था। मेरे और मामी के बीच मज़ाक-मस्ती कुछ ज़्यादा ही होती रहती थी। दिन भर यूं ही सोचता रहा.. ऐसे ही रात हो गई।तभी शाम को मामा ने घर आकर बताया कि वो 5 दिनों के लिए ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं.. तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.. लेकिन मैं भी दिखावे के लिए बोला- मैं भी कल वापस जा रहा हूँ।
मुंह बोली माँ की चुदाई
मुंह बोली माँ के साथ चुदाई की हॉट कहानी
तो मामा बोले- तुम मेरे आने तक यहीं रुक जाओ.. क्योंकि घर का ध्यान रखने के लिए एक से दो ठीक रहेंगे… और तेरी मामी को भी अकेला नहीं लगेगा।उन्होंने एक ही बार कहा और मैं मान गया.. फिर सब सो गए।सुबह मैं उठा.. तो मामा जा चुके थे और माँ रसोई में नाश्ता बना रही थी। मैं हॉल में बैठ कर माँ को देख रहा था.. उनकी उठी हुई गाण्ड देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था।आखिर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैं रसोई में चला गया,
मैं उसको पीछे से पकड़ कर बोला- मैं मदद करूँ मामी?मेरा पूरा लौड़ा उसकी गाण्ड की दरार में रगड़ने लगा था.. तो वो उसे मज़ाक समझीं और बोली- नहीं रहने दे..उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और अपने काम में लग गई।मैं उनको चोदने का बार-बार प्लान बनाता रहा। रात का खाना खाने के बाद हम सोने चले गए। हम गद्दा लगा कर सो रहे थे। हम दोनों में थोड़ी दूरी थी।यह सेक्स कहानी आप हॉट कहानी डॉट कॉम पे पड़ रहे है।मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैंने देखा कि माँ सो रही थीं, मैंने अपना गद्दा उसके गद्दे की ओर सरकाया..
फिर लेट गया।थोड़ी देर के बाद मैंने धीरे से करवट करके खुद को उसके नजदीक किया और एकदम उसके पास हो गया। मैं उसकी चादर में घुस गया और उसके पीछे से उसकी गाण्ड में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। वो गहरी नींद में सो रही थी।कुछ देर बाद वो जागी तो देखा कि मैं उसके साथ चिपका हुआ हूँ।वो कुछ नहीं बोली और मुँह फेर कर सो गई। मेरी हिम्मत बढ़ी.. और मैं फिर से अपने काम पर लग गया।तो मामी बोली- यही करते रहोगे या फिर कुछ आगे भी करोगे?
मैं तो एकदम से हड़बड़ा गया.. फिर माँ मेरी तरफ़ घूमी और मेरा लौड़ा हाथ में लेकर बोली- तुम्हारा तो कितना मोटा और बड़ा है रे.. मामा तेरे का तो इससे बहुत छोटा और पतला है..मैं अब सब समझ चुका था और मैंने माँ को अपनी तरफ खींच लिया, माँ के होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उसको मस्ती से चूमने लगा।वो भी मेरा साथ देने लगी।बाद में मैं उसके मम्मे ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा और फिर बटन खोल कर उसके चूचे चूसने लगा। धीरे-धीरे मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और मैंने खुद के भी सारे कपड़े उतार दिए।अब हम दोनों एक-दूसरे के गुप्तांगों से खेलने लगे। थोड़ी देर माँ बोली- बस अब जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दे।
मैं माँ के ऊपर सवार हो गया और माँ की चूत में अपना सुपारा घुसेड़ दिया।वो ‘अहह.. अहह..’ की आवाजें निकालने लगी।मैंने एक तगड़ा झटका दिया और मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत घुस गया।माँ चिल्लाई- उई… मार डाला.. तूने तो..मैं उसे किस करने लगा और फिर धीरे से एक और झटका मारा.. और इस बार पूरा 7 इंच ला लौड़ा माँ की चूत में पेल दिया। अब मैं उसे धीरे-धीरे ठोकने लगा।फिर माँ भी मुझे नीचे से अपनी गाण्ड उठाकर मेरा साथ देने लगी। करीब 5-7 मिनट बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और इठते हुए कहा- आह्ह.. मैं झड़ने वाली हूँ.. चोद.. साले.. आह्ह.. यह सेक्स कहानी आप हॉट कहानी डॉट कॉम पे पड़ रहे है।
मैंने अभी दो धक्के और मारे होंगे कि वो झड़ गई लेकिन मैं तो उसे चोदता ही रहा। लगभग 5 मिनट बाद मेरा भी पानी निकल गया।मैंने अपना माल उसकी चूत में ही डाल दिया।बस अब मेरी और माँ की चुदम-चुदाई खुल कर होने लगी, मामा के आने तक रोज हम एक-दूसरे को खूब चोदते रहे और फिर मैं अपने गाँव आ गया।माँ की चूत को याद करके आज भी मुठ्ठ मार लेता हूँ।कैसी लगी मेरी माँ की चुदाई कहानी , अच्छा लगी तो जरूर रेट करें और शेयर भी करे ,अगर कोई मेरी माँ के साथ सेक्स करना चाहते हैं तो उसे अब जोड़ना बेटे का लंड की प्यासी माँ
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